–अकस्मात उत्पन्न लक्षण(जैसे घबराहट ,बेचैनी ,उलझन)

–डर किसी भी प्रकार का हो जो अचानक से हो

–चिंता (टेंशन)

–न बुझने वाली प्यास  (डर से,बुखार में  )

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-चोट लगने पर जब रक्त का बहाव न हो अर्थात धुन्स की चोट में

-चोट लगने पर नीला या काला पड़ जाये

 -बुखार में जैसे पत्थर पर सोये हो

सेवेन – 3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर लें

शारीर की प्रतिरोधक क्षमता बड़ाने में मदद करती है
-अचानक से गले में खराश ,खुस्की और खांसी
-दिमागी और शारीरिक बेचैनी
-बुखार किसी तरह का वाइरल (जिस में सर गर्म ,पैर ठंडा हो )
-फ़ूड पोइसेनिंग

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-सुखा पन (प्यास ज्यादा  देर पर लगना व ज्यादा पानी पीना)
-मीयादी बुखार ,कब्ज  ,सुखी ख़ासी  एवम प्यास लगना

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

 -होम्योपैथीक पेनकिलर  कहलाता है (इन्फ्लामेसन )

 -लालीपन के साथ दर्द ,बुखार तथा सूजन के साथ जलन

 -मानसिक उलझन के साथ तोड़ फोड़ (वोइलेन्ट मेनिया)

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-यह गुर्दे के लिए टोनिक है
-पीला पेशाब ,जलन ,पेशाब करने में तकलीफ ,कमर में दर्द

सेवन -5 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-जलने पर या जलने जैसा दर्द होना
-पेशाब में जलन उक्त दर्द ,इन्फेक्शन

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-पेट में दर्द बिना कारण ,पेट दबा के लेटने पर आराम मिलना
-हाथ पैरो में दर्द , दबाने पर आराम मिलना

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-शारीर में वाइटल शक्ति कम होने पर (जैसे रक्त ,लयूकोरिया एवम विसर्ग ज्यादा गिर ने से कमजोरी )
-मलेरिया की तरह बुखार

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-हड्डी तोड़ बुखार (डेंगू से बचो )

-घाव जैसा दर्द होना

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-निम्न रक्त चाप होने पर (लो बी.पी.)

-सुस्ती ,आलस्य , कमजोरी लगना

 सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-गले वा आतों में जलन (अपच के कारण )

-पेट साफ़ ना हो पाने के कारण सर में दर्द

 सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

–लगातार जी मिचलाना या मिचली का बने रहना
-मिचली का हो जाना
-प्यास न लगना
-शरीर के किसी भी छिद्र से सुर्ख लाल रक्त स्राव

 सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-फेफेड़ो का टोनिक होता है वा किसी तरह का ख़ासी हो

-स्वास सम्बंधित रोगों में लाभप्रद

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-पेट में गैस जो नीचे की तरफ जाये ,गुदा द्वार से गैस निकले
-पेट फूलना
-किसी भी काम से संतुष्ट न होना

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-किसी प्रकार की अंग्रेजी दवा के दुष प्रभाव को रोकना

-कब्ज ,पेट न साफ होना लगता रहे अभी और साफ होगा

-किसी भी चीज से संतुष्टि  न मिलना

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-तेल उक्त भोजन के बाद पेट गडबड होना
–मासिक धर्म सही न होना
-पिला स्राव होना
सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-शरीर में कही भी गांठ होना जो कोमल हो (जैसे स्तन ,टोंसिल आदि)

-पुरानी या नयी टोंसिल की बीमारी में

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-ठण्ड लगना य ठण्ड की वजह से बुखार जोड़ो में दर्द

-बरसात  में भीगने पर रोगों से बचने के लिए 

-शरीर में चक्कते होना (अर्तिकैय्रिया होना)

-पुरना या नया सियाटिक दर्द

-जोड़ो जोड़ो में दर्द

   सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

-उच्च रक्तचाप (हाई बी. पी.)

सेवन -3 बूंद प्रतेक 2 घंटे पर ले आराम लगने पर बंद कर दें

F-DROP

किसी भी प्रकार का बुखार हो 

शरीर में दर्द हो 

ठण्डी लगना और सर्दी लग कर बुखार 

20 बूंद 1/2 कप गर्म पानी में प्रति 1/2 घंटे पर 3 खुराक दें 

FAQ's

होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धित है जिसमे समान का समान से  चिकित्सा नियम के द्वारा इलाज किया जाता है होम्योपैथी का अविष्कार १७९६ में हुआ था जिसके जनक डॉ क्रिस्चियन फ्रेडरिक सैमुल हैनिमन (१० अप्रेल १७५५-2 जुलाई १८४३) थे Iजिन्होंने सात नियम और तरीके बताये है–

  • समरूपता या सादृश्य नियम (Law of Similar)
  • एकमेव औषधि (Single Medicine)
  • औषधि की न्यून मात्रा (The Minimum dose)
  • व्यक्तिपरक और संपूर्ण चिकित्सा (Individualization & Totality of Symptoms)
  • जीवनी शक्ति (Vital Force)
  • मियाज्म (रोग बीज) (Miasm)
  • औषधि प्रमाणन (Drug Proving)

आज लगभग सभी लोग होम्योपैथीक पद्धति  के बारे में कुछ न कुछ जानते है लेकिन समझने की कोशिश नहीं करते है क्योकि इसका कारण समय का अभाव है I लेकिन आप का शरीर तो आपका अपना है ,उसके बारे में  थोडा ज्ञान होना चाहिए जिससे आप अपने आप को सुरक्षित रख पाएंगे I

 

होम्योपैथीक दवाएं जिव्हा से काम करना प्रारम्भ करती है इस लिए दवाएं खाली पेट ही लेना आवश्यक होता  हैI

इस लिए दवाओ के सेवन करते समय पान , धूम्र पान,तम्बाखू, मदिरापान ,सुगन्धित पदार्थ ,कच्चा प्याज व लहसुन एवम खट्टी चीजों का सेवन न करे जिससे दवा का लाभ कम हो जाता है |  

-होम्योपैथी पद्धित से किसी भी प्रकार का दुष प्रभाव नहीं होता है

– दूसरी पद्धित से लेने में आसान एवं सस्ती है

-किसी भी दवा का कोई एक्सपायरी डेट नहीं होता है

-बच्चों तथा वृद्ध के लिए  आसान  व लाभप्रद है

-इन दवाओं का सेवन करने से आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे गी

-आप का समय ,पैसा एवम स्वस्थ की बचत हो गी

-हमारी कम्पनी आप को इसके लिये कैश बैक  भी देती रहे गी

-आप दुसरो को होम्योपैथीक पद्धित के लिए जागरूक कर सकेंगे

-जब आप किसी को होम्योपैथीक परिवार में जोड़ेंगे तो कम्पनी आपको दस प्रतिसत वापस  कर  देगी इसके बाद भी आप का दूसरा परिवार अपने होम्यो परिवार जोड़े गी उसको  १०% तथा आप को २०% वापस मिल जा

आप को हमरा गोल्ड मेम्बर सिप लेना होगा जिससे आप होम्योपैथिक परिवार के सदस्य बन जायेंगे और सदस्यता लेते ही आप एक फेम्लीय किट दे दिया जायेगा जो आप के परिवार के किसी भी सदस्य को कोई बीमारी होती है तो इन दवाओ का उपयोग हमारे चिकित्सक से निशुल्क परामर्श लेकर दे सकते है जो आप का घर का ही डाक्टर है 

अपनी  और अपनों की सुरक्षा ,प्राकृतिक तरीके से करके सुरक्षित रख पाएंगे और प्रॉफिट भी ले सकते है क्योकि अपने शरीर की सुरक्षा जरुरी है |